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प्रेस विज्ञप्ति
मगध विश्वविद्यालय, बोधगया: सीनेट-सिंडीकेट बैठक में पत्रकारों पर बैन, लोकतंत्र पर खतरा – सूरज सिंह
बोधगया स्थित मगध विश्वविद्यालय में आयोजित सीनेट और सिंडीकेट बैठक में मीडिया के प्रवेश पर रोक लगाकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने पारदर्शिता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर गहरी चोट की है। यह निर्णय लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है और गंभीर चिंता का विषय है।
लोकतंत्र की मूल भावना पारदर्शिता और जवाबदेही पर आधारित होती है। जब किसी सार्वजनिक शैक्षणिक संस्था में लिए गए निर्णयों को गुप्त रखने की कोशिश की जाती है, तो यह साफ संकेत देता है कि कुछ न कुछ ऐसा है जिसे छिपाया जा रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन का यह रवैया शिक्षा जगत की स्वायत्तता और निष्पक्षता पर भी सवाल खड़ा करता है। विश्वविद्यालय एक बौद्धिक और लोकतांत्रिक केंद्र होता है, जहां सभी हितधारकों – छात्र, शिक्षक, कर्मचारी और समाज – को पारदर्शिता के साथ निर्णयों की जानकारी मिलनी चाहिए। मीडिया की भूमिका इसमें अहम होती है, क्योंकि वह जनता तक सच्चाई पहुंचाने का कार्य करता है। मीडिया पर प्रतिबंध लगाना सीधे तौर पर यह दर्शाता है कि विश्वविद्यालय प्रशासन अपने फैसलों को सार्वजनिक करने से बच रहा है।
यदि प्रशासन अपनी तानाशाही मानसिकता से बाज नहीं आता, तो हम इसके खिलाफ लोकतांत्रिक और संवैधानिक दायरे में रहकर विरोध दर्ज कराएंगे।
सूरज सिंह
छात्र नेता मगध विश्वविद्यालय, बोधगया